पीलियाः गर्मियों होने वाली प्रमुख बीमारियां

मासम बदलने के साथ ही पीलिया (जॉडिस) का प्रकोप भी बढ़ जाता है। गर्मियों और बरसात के मौसम में होने वाली सबसे प्रमुख बीमारियों में से एक है पीलिया। चिकित्सा विज्ञान की भाषा में वायरल हैपेटाइटिस या जॉडिस को लोग आमतौर पर पीलिया के नाम से जानते हैं यह रोग बहुत ही सूक्ष्म विषाणु से होता है। पीलिया ऐसा रोग है जो एक विशेष प्रकार के वायरस और किसी कारणवश शरीर में पित्त (बिलीरूबिन) की मात्रा बढ़ जाने से होता है इसमें रोगी के नाखून, त्वचा एवं आखों का सफेद भाग पीला पड़ जाता है।


 बीमारी की शुरुआत में जब रोग मामूली होता है तब इसके लक्षण दिखाई नहीं पड़ते , परंतु जब यह उग्र रूप धारण कर लेता हैरोगी की आंखें व नाखुन पीले दिखाई देने लगते हैं, इसलिउ ही लोग इसे पीलिया कहते । पीलिया शरीर के नार्मल मेटाबॉलिज्म या बिलरुबिन (पित्त) के एक्सक्रीशन के सामान्य रूप से काम न करने से होता हैपीलिया आमतौर पर चेहरे पर सबसे पहलेदिखाई देता है और फिर जैसे-जैसे बिलरुबिन का स्तर बढ़ता है छाती, पेट और हाथ-पैर पर भी इसका असर दिखना शुरू जाता है। पीलिया होने का कोई एक कारण नहीं हैयह रोग कई कारणों से हो सकता है जैसे रक्त रोग, आनुवंशिक सिंड्रोम्स, पित्त नलिकाओं की रुकावट, इंफेक्शन, या कुछ दवाई के परिणामस्वरूप। इसके अलावा पीलिया मुख्य तीन प्रकार के वायरस से होता वायरल हेपेटाइटिस ए, वायरल हेपेटाइटिस बी तथा वायरल हेपेटाइटिस नॉन ए और नॉन बी। हेपेटाइटिस या सिरोसिस जैसी लिवर की बीमारियां पीलिया का एक बड़ा कारण हैं, असल में पीलिया ज्यादातर किसी अंतर्निहित रोग का एक स्पष्ट संकेत होता है, इसलिए ही इसकी जांच तुरंत डॉक्टर से करवाना बहुत जरूरी होता है।