आधुनिक दौर में महिलाएं किसी मामले में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय देकर कई क्षेत्रों में नारी ने पुरुषों को पछाड़ दिया है। वर्तमान में उसकी शक्ति और महत्व को कम आंकना गलत होगा। यह तो नारी प्रगति का एक सुन्दर और जागरुक पहलु है जो चहुंओर अपने कार्य की अमिट छाप छोड़ रहा है। इसका एक जीता-जागता उदाहरण है -डाँ( श्रीमति )अनीता भारद्वाज। सिक्स सिग्मा हाई ऑल्टीटयूड मेडिकल सर्विस की चिकित्सा निदेशक डॉ.अनीता भारद्वाज दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में चिकित्सा सेवा देने के लिए प्रसिद्व हैं। यदि उन्हें दया की प्रतिमूर्ति कहे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। डॉअनीता अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए अब तक कई यात्राओं में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। सिक्स सिग्मा की निदेशक की उपलब्धियों को भारत सरकार और हरियाणा ने सराहा और उन्हें 'नारी शक्ति पुरस्कार' और 'कल्पना चावला पुरस्कारदेकर सम्मानित किया है उनका मुख्य लक्ष्य पीड़ितों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर उनके उनले चेहरे पर मुस्कान लाना है।